जम्मू में हुए जमीन जिहाद की कहानी
जम्मू जमीन जेहाद से जुड़ी एक खबर आज कल बहुत चर्चा में है लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे पहले जमीन जेहाद के बारे में किसने बताया था और आखिर जम्मू का जमीन घोटाला देश का इतना बड़ा मुद्दा कैसे बना ?
इस मुद्दे की शुरुआत हुई थी मार्च 2020 में जब जम्मू में जमीन घोटाले की लेकर सुधीर चौधरी ने अपने शो डीएनए में बहुत बड़ा खुलासा किया था इस खुलासे के बाद टुकड़े टुकड़े गैंग ने सुधीर चौधरी के खिलाफ केरल में एक एफआईआर भी दर्ज करवाई थी और सुधीर चौधरी के फोन पर धमकी भरे मैसेज भी आने लगे थे लेकिन
रोशनी एक्ट क्या है
वर्ष 2001 में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे फारुख अब्दुल्ला उस समय एक कानून लाया गया उसका नाम था रोशनी एक्ट कानून में ये प्रावधान था कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है उन्हीं को उसका असली मालिक बना दिया जाए और उसके बदले उनसे बाजार भाव के हिसाब से पैसा लिया जाए इसके लिए कट ऑफ वर्ष 1990 रखी गई
लेकिन जैसे जैसे सरकारें बदली वैसे ही कटी ऑफ वर्ष 1990 से आगे बढ़ती गई और जमीन को बेचने का घोटाला होता रहा निष्कर्ष ये निकला की 25000 करोड़ रुपए की जमीन कौड़ियों के भाव लोगों को बेच दी गई या फिर जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया
वैसे जब ये रोशनी एक्ट लाया गया तब सरकार का ये मकसद रहा कि जमीन को बेचकर जो रकम आएगी उसको जम्मू कश्मीर में बिजली की योजना में लगाया जाएगा जिससे लोगों के घरों में रोशनी ही इसलिए एक्ट का नाम रोशनी एक्ट रखा गया लेकिन उसके उलट जमीन को बड़े बड़े नेताओं और व्यापारियों ने दबा लिया और लोगों के घरों में रोशनी के बजाय अंधेरा कायम रहा
वर्ष 2018 में जम्मू कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने रोशनी एक्ट को खतम कर दिया था और अब इस जमीन घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है जिसमें कई बड़े नेताओं और बिजनेसमैन के नाम सामने आ सकते हैं और जिन लोगों ने जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है उनसे जमीन वापस ली जाएगी