राजस्थान में लागू हुई ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ 5 लाख तक का मिलेगा मुफ्त इलाज

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

प्रदेश मे लोगों  को निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 1 अप्रेल se लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन प्रारंभ किये जा चुके हैं . चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि एक मई से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू कर लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा.

एक मई से मिलेगा योजना का लाभ 

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ एक मई से मिलने लगेगा, जिसके तहत हर परिवार को कैशलेस इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा. योजना के तहत चिन्हित सामान्य बीमारियों के लिए 50 हजार रुपए तो गंभीर बीमारियों के लिए 4 लाख 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष बीमा कवर मिलेगा. इस योजना में विभिन्न बीमारियों के 1576 पैकेज शामिल किए गए हैं. इसके तहत योजना से जुडे़ निजी और सरकारी अस्पतालों में लाभार्थि परिवार नि:शुल्क उपचार ले सकते हैं

खास बात यह है कि योजना में लाभार्थी को भर्ती होने से 5 दिन पहले और डिस्चार्ज होने के बाद 15 दिनों का खर्चा भी पैकेज में शामिल है. हालांकि NFSA और SECC के पात्र परिवारों का प्रीमियम राज्य सरकार स्वंय देगी और लघु-सीमांत कृषक और संविदाकर्मियों का भी बीमा प्रीमियम भी राज्य सरकार देगी. शेष परिवार 850 रुपए सालाना देकर इस योजना का लाभ उठा पाएंगे

 

योजना से कैसे जुड़ सकते हैं?

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेने के लिये लाभार्थी स्वयं ऑनलाइन अथवा ई-मित्र पर जनआधार से लिंक प्लेटफॉर्म से पंजीयन करवाकर योजना से जुड़ सकते हैं. ई-मित्र पर आवेदन शुल्क 20 रुपए लगेगा और प्रीमियम जमा करवाने का शुल्क 10 रुपए लगेगा. जिन परिवारों का जन आधार या भामाशाह नामांकन नहीं हुआ है, उन्हें पहले जन आधार नामांकन करवाना होगा. योजना से जुड़ने के लिए 1 से 10 अप्रेल तक ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष रजिस्ट्रेशन शिविर भी आयोजित होंगे. इन पंजीयन शिविरों के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर जिला कलेक्टर एवं ब्लॉक स्तर पर संबंधित उपखंड अधिकारी के निर्देशन में दल गठित किए गए हैं.

इसके बाद भी रजिस्ट्रेशन का कार्य 30 अप्रेल तक जारी रहेगा. लाभार्थी स्वयं ऑनलाइन अथवा ईमित्र के माध्यम से अपना पजीयन करा सकते हैं. स्वास्थ्य बीमा योजना में पहले से लाभान्वित हो रहे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और सामाजिक-आर्थिक जनगणना के पात्र परिवारों को पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी.