दिव्या भारतीं भी इस हॉस्पिटल मे ही मृत घोषित की गयी थी
दिव्या भारती का नाम कौन नहीं जानता , 5 अप्रेल 1993 को 5th फ्लोर से वो गिरि और जब उनको कूपर हॉस्पिटल ले जाया गया तो वहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया , उसके बाद यही मुंबई पुलिस इस केस की जांच करती रही करती रही और अंत मे 1998 मे इस जांच को बंद करके मुंबई पुलिस ने ये निष्कर्ष निकाल कर दिया की यह एक आकस्मिक मौत थी , ये है मुंबई पुलिस की काबिलियत जो एक केस को 5 साल तक भटकाती रही और बाद मे उसे आकस्मिक मौत बता कर बंद कर दिया
मुंबई पुलिस की सच्चाई
मुंबई पुलिस पर लोग कैसे भरोसा करें जब ऐसे केस सामने आते हैं तो पुलिस से विशबास उठ जाना लाज़मी है अभी कुछ दिन पहले ही सचिन वजे नाम का एक पुलिस ऑफिसर जिसको राष्ट्रिय जांच अजेंसी NIA ने एंटीलिय केस मे गिरफ्तार किया है , उसने 100 करोड़ की वसूली का टार्गेट बना रखा था और इसमे उसका साथ दे रहा था महाराष्ट्र का गृह मंत्री अनिल देशमुख जो की अभी इस्तीफा देकर घर बैठा हुआ है , अब आप खुद सोचो की ऐसी सरकार पर क्या भरोसा किया जा सकता है जिसके गृह मंत्री वसूली करा रहे हैं
सचिन वजे वही पुलिस ऑफिसर है जिसने अरनब गोस्वामी को परेसान किया था क्यूंकी अरनब गोस्वामी सुशांत के लिए आबाज उठा रहे थे इसलिए इस भ्रष्ट ऑफिसर को लगा की कहीं सुशांत केस मे इनकी पोल न खुल जाए तो ये अरनब को परेसान करने लगे लेकिन आज देख लो समय का चक्र वहीं घूमकर आ गया अब खुद सचिन वजे जेल मे हैं और परमवीर सिंह को पद से हटा दिया गया है ,