Maharana Pratap jayanti – महाराणा प्रताप ने बहलोल खान को घोड़े समेत 2 टुकड़ों में काट दिया

दिवेर का युद्ध

हल्दीघाटी के बाद अक्टूबर 1582 में दिवेर का युद्ध हुआ। इस युद्ध में मुगल सेना की अगुवाई करने वाला अकबर का चाचा सुल्तान खां था। विजयादशमी का दिन था और महाराणा ने अपनी नई संगठित सेना को दो हिस्सों में विभाजित करके युद्ध का बिगुल फूंक दिया। एक टुकड़ी की कमान स्वयं महाराणा के हाथ में थी, तो दूसरी टुकड़ी का नेतृत्व उनके पुत्र अमर सिंह कर रहे थे।
महाराणा प्रताप की सेना ने महाराज कुमार अमर सिंह के नेतृत्व में दिवेर के शाही थाने पर हमला किया। यह युद्ध इतना भीषण था कि प्रताप के पुत्र अमर सिंह ने मुगल सेनापति पर भाले का ऐसा वार किया कि भाला उसके शरीर और घोड़े को चीरता हुआ जमीन में जा धंसा और सेनापति मूर्ति की तरह एक जगह गड़ गया।
उधर महाराणा प्रताप ने बहलोल खान के सिर पर इतनी ताकत से वार किया कि उसे घोड़े समेत 2 टुकड़ों में काट दिया। स्थानीय इतिहासकार बताते हैं कि इस युद्ध के बाद यह कहावत बनी कि “मेवाड़ के योद्धा सवार को एक ही वार में घोड़े समेत काट

Maharana Pratap jayanti

अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग (पाली) में हुआ था। लेकिन राजस्थान में राजपूत समाज का एक बड़ा तबका उनका जन्मदिन हिंदू तिथि के हिसाब से मनाता है। क्योंकि 1540 में 9 मई को ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि थी, इस हिसाब से इस साल उनकी जयंती 25 मई को भी मनाई जाएगी।
#MahaRanaPratapJayanti मातृ भूमि के रक्षक वीर शिरोमणी ,माँ भारती के अमर सपूत,अद्वितीय योद्धा,निडरता,पराक्रम एवं बलिदान के प्रतीक पुरुष,स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति,कुशल नेतृत्वकर्ता,भारत के महानायक महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें कोटिशःनमन। मातृभूमि के लिए आपका त्याग और बलिदान राष्ट्र के लिए अप्रतिम प्रेरणा है शाहसी,वीर, अजय श्री महाराणा प्रताप जी को उनकी अपनी जयंती के इस अवसर पर कोटी कोटी नमन

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