2 मई को जैसे ही बंगाल में चुनाव के नतीजे आए तो बगाक में खूनी खेल शुरू हो गया , बीजेपी के कार्यकर्ताओं को हत्या होने लगी बीजेपी के कार्यकर्ताओं के घरों को तोड़ा गया जो महिला कार्यकर्ता बीजेपी की तरफ से पोलिंग बूथ पर थी उनको सड़क पर बाल पकड़ कर घासीटा गया कई महिलाओं के साथ गैग रेप की भी खबर सामने आ रही है ।
Prasident rule in west bengal
ये है ममता बनर्जी का बंगाल जिसको वो पिछले 10 सालों से चला रही है , बंगाल में को भी कुक्रत्य हो रहा हजार वो सब टीएमसी के गुंडों के द्वारा किया जा रहा है ऐसा बीजेपी का आरोप है और वहां पर जितने भी लोग इन घटनाओं के साक्षी है वो सब यही कह रहे हैं कि ये टीएमसी के गुंडों ने किया है ।
चिंता तो इस बात की है कि अगर टीएमसी को वोट नहीं दिया तब इन लोगों का जितने के तुरंत बाद ही ये हाल है तो आने वाले 5 साल कैसे गुजरेंगे क्या ऐसे ही हत्या और बलातकार होते रहेंगे क्या लोगों को ऐसे ही मरने के लिए छोड़ दियाजाए
Prasident rule in west bengal
कोई भी ही सीएम ही या पीएम हो किसी को ये हक तो नहीं है कि लोगों की हत्याएं करवाए और कानून को हाथ में ले आखिर देश में सबको जीने को हक है देश का संविधान सबके लिए एक समान है , अगर कोई संविधान का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्यवाही होनी चाहिए चाहे वो किसी राज्य का सीएम ही क्यूं ना हो
बंगाल में हो रही हत्याओं को देखकर कश्मीर की याद आती है जब कश्मीर में पंडितों को मारकर भगा दिया गया और उनकी महिलाओं के साथ बलात्कार हुए थे आज वही बंगाल में हो रहा है , लोगों के पास बम कहां से आते हैं क्या वहां पर पुलिस तमाशा देखने के लिए है , अगर इतनी कानून व्यवस्था खराब है तो बंगाल में राष्ट्रपति शासन क्यूं नहीं लगना चाहिए
Prasident rule in west bengal
एक समय था जब कश्मीर में आए दिन पत्थरबाजी होती थी बमबारी होती थी और दंगे होते थे जब कोई आतंकवादी को पकड़ने का सेना प्रयास करती तो सेना पर पत्थर बरसाए जाते थे आज वही कश्मीर है एक भी घटना नहीं होती सब कुछ शांत है क्योंकि वहां की सरकार और वहां के जिम्मेदार लोग उन्ही के साथ थे इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया और अब सब कुछ अच्छा है कश्मीर में ।
तो क्या बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए या नहीं आपका इसके बारे में क्या विचार है comment करके जरूर बताएं