सुभद्रा कुमारी चौहान की आज 117वीं जयंती Google ने Doodle बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

“खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी.” झांसी की रानी को याद करते हुए ये पंक्तियां कई बार पढ़ी जाती हैं. देश के करीब करीब हर बच्चे को याद है. इस कविता की लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान हैं. भारत की अग्रणी लेखिका और स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान की आज 117वीं जयंती है. सुभद्रा कुमारी चौहान की उपलब्धियों का सम्मान करते हुए गूगल ने उन्हें अपना डूडल समर्पित किया है. इस डूडल में सुभद्रा कुमारी साड़ी पहने नजर आ रही हैं. उनके हाथ में कलम है और वह कुछ लिख रही हैं. उनके पीछे रानी लक्ष्मीबाई और स्वतंत्रता आंदोलन की झलक है.

 डूडल क्या होता है – google doodle

Doodle ,Google लोगो में ऐसे सहज बदलाव होते हैं जो छुट्टियों, वर्षगांठ, और प्रसिद्ध कलाकारों, अग्रदूतों और वैज्ञानिकों के जीवन का जश्न मनाने के लिए Google के लोगो में किए जाते हैं,  इस इंडियन एक्टिविस्ट और लेखक के लिए डूडल ने एक साड़ी में कलम और कागज के साथ बैठीं सुभद्रा कुमारी चौहान को दिखाया है. यह डूडल न्यूजीलैंड की गेस्ट आर्टिस्ट प्रभा माल्या ने बनाया है.

 

सुभद्रा कुमारी चौहान के बारे में 

उनका जन्म सन 1904 में निहालपुर गांव में हुआ था। वह बचपन से ही राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित थी। 9 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली कविता लिखी थी। इसके बाद सुभद्रा कुमारी चौहान ने कई राष्ट्रवादी आंदोलन में हिस्सा लिया, जिसकी वजह से उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने सत्याग्रहियों का मनोबल बढ़ाने के लिए कई सारी कविताएं भी लिखी थी।

 

5 फरवरी 1948 को 44 साल की उम्र में ही उनका निधन हो गया. अपनी मृत्यु के बारे में सुभद्रा कुमारी  ने एक बार कहा था, “मेरे मन में तो मरने के बाद भी धरती छोड़ने की कल्पना नहीं है. मैं चाहती हूं, मेरी एक समाधि हो, जिसके चारों तरफ मेला लगा हो, बच्चे खेल रहें हो, स्त्रियां गा रही हो और खूब शोर हो रहा हो.”

 

करीना कपूर के दूसरे बेटे का नाम भी मुगल बादशाह पर ही रखा गया है – जहांगीर

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी

जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी,
यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी,
होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फांसी,
हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झांसी.
तेरा स्मारक तू ही होगी, तू खुद अमिट निशानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी

 

 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now