क्या होगा उस देश का जिसका पीएम ही मोस्ट वांटेड आतंकवादी हो

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दुनिया में ऐसी सरकार की शायद ही कोई दूसरी मिसाल हो. ग़ज़ब की सरकार है और कमाल की कैबिनेट जिसमें सबके सब आतंकवादी हैं और वो भी मोस्ट वांटेड , ऐसे मे दुनिया तालिबान पर भरोसा करके बहुत बड़ी गलती कर रही है , हमारा तो ये मानना है की दुनिया के सारे देश मिलकर अफ़गान के लोगों की रक्षा करो 

 

आइये देखते हैं अफ़गानिस्तान की नई सरकार कैसी है  

क्या अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री मोस्ट वांटेड आतंकवादी है जवाब हाँ बिलकुल  संयुक्त राष्ट्र ने उसका नाम बाकायदा आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल कर रखा है. अफगानिस्तान के दो उप-प्रधानमंत्री में से एक आतंकवादी है. संयुक्त राष्ट्र की लिस्ट में उनका भी नाम शामिल है.

देश का रक्षामंत्री ऐसा है जिसने  अफगानिस्तान की रक्षा के साथ हमेशा खिलवाड़ किया है. देश के गृहमंत्री उसे बना दिया गया  हैं, जिसने देश का कोई भी ऐसा कोना नहीं छोड़ा, जहां बरबादी का काम न किया हो. विदेश मंत्री ऐसे बनाए गए, जो किसी दूसरे देश गए तो क्या पता पकड़ लिए जाएं. और शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि पढ़ने लिखने की जरूरत नहीं है, डिग्रियों से कुछ नहीं होता.कुछ ऐसी है अफगानिस्तान की नई आतंकवादियों की सरकार 

 

प्रश्न – अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री कौन है

उत्तर – मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद

शरिया क़ानून के सबसे कट्टर समर्थक, बम धमाकों के ज़रिए जेहाद फैलाने के लिए ट्रेनिंग देनेवाला सबसे बड़ा तालिबानी, औरतों की आज़ादी का सबसे बड़ा दुश्मन और बामियान का गुनहगार यही मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद है. 2001 में बामियान गौतम बुद्ध की मूर्ति तोड़ने का हुक्म भी इसी ने दिया था अखुंद को तालिबान के दो विंग, मिलिट्री और इस्लामिक विंग का सबसे बड़ा नेता माना जाता है. अखुंद तालिबान गुट का सबसे कट्टर इस्लामिक और आतंकी नेता है 

 

मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को मंत्रि परिषद का प्रमुख यानी नई सरकार का मुखिया बनाया गया है, मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अंतरिम सरकार का सुप्रीम लीडर यानी प्रधानमंत्री बनाया गया है. मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को डिप्टी पीएम बनाया गया है

 

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सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबान की अंतरिम सरकार में गृह मंत्रालय दिया गया है. जिसके ऊपर अमेरिका की अजेंसी एफ़बीआई ने 35 करोड़ का इनाम रखा हुआ है  इसके अलावा मोहम्मद याकूब को रक्षा मंत्री, मौलवी आमिर खान मुताक्की को विदेश मंत्री, शेर मोहम्मद स्टानिकजई को उप विदेश मंत्री बनाया गया और हिदायतुल्ला बदरी को तालिबान की अंतरिम सरकार में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.