राजस्थान के टोंक में मालपुरा से हिंदुओं का पलायन के बारे में खबरें चर्चा में हैं खबरों के मुताबिक मलपुरा के हिन्दू परिवार पलायन के लिए मजबूर हो चुके हैं कई हिन्दू परिवार यहाँ से छोडकर जा चुके हैं , मालपुरा कस्बे (tonk malpura) में बहुसंख्यक समुदाय हिन्दूओं ने सड़क पर उतरकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुरक्षा की मांग करते हुए पलायन रोकने की अपील की है।
इस मामले की जांच के लिए भाजपा ने एक कमेटी भेजी जिसमे तीन सदस्य थे कमेटी ने कहा है कि गैर-मुस्लिम शहर में डर के महोल में जी रहे हैं
तीन सदस्यीय कमेटी के साथ टोंक-सवाई माधोपुर से भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया भी शामिल हुए। चौहान ने कहा, ” डर के कारण कई हवेलियों के दरबाजे बंद हो चुके हैं
मलपुरा कस्बा से हिंदुओं का पलायन
”टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें तो भाजपा विधायक ने कहा कि “हिन्दू महिलाएं शहर में सुरक्षित नहीं हैं, खासकर युवा महिलाएं घरों से बाहर निकलने से डरती हैं, मुस्लिम लड़के बिना कानून से डरे हिन्दू लड़कियों को परेशान करने के लिए बाइक पर घूमते हैं, भाजपा कमेटी के सदस्य एसपी टोंक ओम प्रकाश के दावों को खारिज कर दिया जिसमे एसपी ने कहा था कि , “पिछले दो वर्षों में कस्बे में कोई सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है।”
क्या है मालपुरा का इतिहास
1992 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद से टोंक का यह कस्बा संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है। यहां बहसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पिछले तीन दशक में कई बार दंगे हो चुके हैं खबरों के मुताबिक ताजा घटना जैन समाज और मुश्लिम समाज के इलाकों के बीच एक मकान से हिंदू परिवार के पलायन की है। प्रदर्शनकारी बहुसंख्यक समाज के लोगों का कहना है कि इस मकान को अल्पसंख्यक समुदाय ने खरीदा है
राजस्थान में इस समय कॉंग्रेस की गेहलोत सरकार है वैसे काँग्रेस सरकार हमेशा से ही मुस्लिमो की शुभचिंतक रही है देखना ये होगा की मालपुरा से हिंदुओं का पलायन रोकने के लिए अशोक गेहलोत क्या कार्यवाही करते हैं ।
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