ये कैसा आंदोलन है , आज तक की महिला पत्रकार चित्रा त्रिपाठी को घेरकर छेडछाड़

 

कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आह्वान किया। इस दौरान एक अजीब सी स्थिति देखने को मिली। आजतक टीवी चैनल की पत्रकार और संपादक चित्रा त्रिपाठी रविवार (5 सितंबर 2021) को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत को कवर करने के लिए गई थीं

चित्रा त्रिपाठी से प्रदर्शनकारियों ने बदसलूकी की। कृषि कानूनों के विरोध में जुटे प्रदर्शनकारी किसानों में से एक बड़े झुंड ने महिला पत्रकार को घेर लिया। फिर ‘गोदी मीडिया हाय-हाय’ के नारे लगाए। पुलिस ने बीच में आकर किसी तरह से उन्‍हें निकाला।

 

मामला बढ़ता देख तुरंत पुलिस हरकत में आ गई। उसने प्रदर्शनकारी किसानों को हटाते हुए चित्रा को गार्ड किया। फिर उन्‍हें वहां से बाहर ले गए। कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई बार अपने व्‍यवहार से निराश किया है। गण‍तंत्र दिवस पर भी उनका प्रदर्शन बेहद उग्र हो गया था। उन्‍होंने लालकिले की प्राचीर पर चढ़कर तिरंगा हटाकर उसकी जगह धार्मिक ध्‍वज फहरा दिया था।

इस घटना पर न्यूज़क्लिक के एक ‘पत्रकार’ श्याम मीरा सिंह ने उत्पीड़न की निंदा करने के बजाय, चित्रा त्रिपाठी पर जनता को ‘मूर्ख’ बनाने का आरोप लगाते हुए अत्याचारी आचरण को सही ठहराया। न्यूज़क्लिक के श्याम मीरा सिंह ने दावा किया कि यही लोग रवीश कुमार की सराहना करेंगे, लेकिन रवीश कुमार के खिलाफ भी होंगे।

 

 

 

हालाँकि, किसान आंदोलन में ही दिल्ली की टीकरी सीमा विरोध स्थल पर पश्चिम बंगाल की एक लड़की के साथ भी दुष्कर्म किया गया था। 30 अप्रैल 2021 को पीड़िता की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों ने शव को खुली जीप में रखकर जुलूस निकाला था, भले ही उसकी कथित तौर पर कोविड -19 से मृत्यु हो गई थी।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कथित किसानों ने मुजफ्फरनगर में ‘महापंचायत’ का आयोजन किया है। इसी महापंचायत में राकेश टिकैत ने भीड़ से अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे भी लगवाए।

 

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