नई दिल्ली न्यूज़ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हर साल की भांति इस साल इस दिवाली पर भी दिल्ली में पटाखे बैन कर दिये हैं है केजरीवाल ने एक ट्वीट मे बताया कि ” पिछले 3 साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्तिथि को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके”
और आगे कहा कि पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के पश्चात प्रदूषण की गंभीरता को देखत हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।
इसके जवाब में बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने कहा
कब तक अपने निकम्मेपन का ठीकरा हिंदुओं के त्यौहारों पर फोड़ते रहोगे केजरीवाल
पटाखे पूरी दुनिया में चलते हैं , हर बड़े समारोह और त्यौहारों पर चलते है लेकिन दिल्ली में दीवाली में इन पर बैन लगाया जाता हैं
ये अपराध सरकारों का हैं, त्यौहारों का नहीं https://t.co/55IiiGUYOP
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 15, 2021
लोगो ने केजरीवाल के इस ट्वीट पर बहुत गुस्सा निकाला एक यूजर ने कहा – पटाखे ही बंद क्यों कर रहे हो ?? लक्ष्मी जी की पूजा करने पर भी प्रतिबंध लगा लो हिंदू विरोधी केजरीवाल !! आपके जैसे घटिया लोग हिंदू में पैदा कैसे हो गए यही मुझे आप पर शक है !! दिल्ली में प्रदूषण का कारण केवल दीपावली नहीं है ! अपनी मानसिकता सुधारो हिंदू विरोधी मत बनो
एक अन्य यूजर ने कहा
दिल्ली की जनता से अपील है कि @ArvindKejriwal @AamAadmiParty के द्वारा दीपावली, आंग्ल नववर्ष, क्रिसमस, शादी पार्टी,या अन्य अवसर पर जितने पटाखे फुलझडियां चलाने के फोटो वीडियो हैं वो वायरल करें और इनको शीशा दिखाएं। वाहन फैक्ट्री कंस्ट्रक्शन पराली ईद इत्यादि से पौल्यूशन नहीं होता। pic.twitter.com/mfO0QzBBdN
— अभिषेक अग्रवाल🚩🇮🇳 राष्ट्र-धर्म प्रथम (@abhisheikagrbjp) September 15, 2021
VIJAY SHRI ने कहा
कमला शुक्ला ने कहा
केजीरिवाल जी एक षड्यंत्र के तहत दिल्ली का इस्लामीकरण करते जा रहें है दिल्ली में बाहरी लोगों को लाकर बसाया और उनके ID प्रूफ बनाये जा रहें हैं जिससे कि वो उनको ही वोट दें,बाकायदा पैसा और संगरक्षण दिया जा रहा है जब कि दिल्ली कि जनता मौन है या आवाज उठाने के लिए हिम्मत नहीं रही