पथरी (Stone) होने के कारण : लक्षण, परहेज और उपाय क्या हैं (2024)

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शरीर में पथरी बनना एक बड़ी समस्या बन गई है। पथरी (Stone) का दर्द बहुत गंभीर हो सकता है। यह पीठ और पेट में तेजी से होता है, जिससे पीड़ित छटपटाने लगता है। पिछले कुछ सालों में बच्चों और युवाओं में पित्त पथरी या किडनी स्टोन की समस्या तेजी से बढ़ी है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 12% से अधिक लोग गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं।

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में पथरी (Stone) विकसित होने की संभावना अधिक होती है। इसके पीछे कई आनुवंशिक कारण हैं, उच्च रक्तचाप, मोटापा या मधुमेह। इसलिए आज की जरूरी खबर में हम बात करेंगे कि शरीर में पथरी कहां बनती है।

Pathari hone ke karan hindi

  1. पथरी होने का मुख्य कारण क्या है?
  2. शरीर के किन हिस्सों में पथरी बनना घातक है?
  3. पथरी को कैसे रोका जा सकता है?

प्रश्न: शरीर में पथरी (Stone) कैसे बनती है?

उत्तर- जब शरीर में खनिज और लवण पथरी के रूप में होते हैं तो उसे पथरी या स्टोन (Stone) कहते हैं। जिन लोगों के मूत्र में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है या वे कम पानी पीते हैं। उन्हें पथरी होने की संभावना अधिक होती है।

कैसे पता करें कि पेट में पथरी है?

  1. पीठ की तरफ और पसलियों के ठीक नीचे तेज दर्द
  2. पेट के निचले हिस्से और ग्रोइन एरिया में तेज दर्द
  3. दर्द लहरों की तरह आता महसूस होता है जो बीच-बीच में बहुत तेज हो जाता है।
  4. पेशाब करते समय जलन महसूस होना

प्रश्न- शरीर के किन अंगों में पथरी बनती है?

उत्तर: शरीर में किडनी में पथरी बनने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा मूत्राशय, पित्त या लार ग्रंथि में भी पथरी बन सकती है।

गुर्दे की पथरी (Stone)

किडनी में पथरी एक आम समस्या है। किडनी एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है। किडनी शरीर से हानिकारक रसायनों को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार होती है, लेकिन उचित जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण किडनी के अंदर छोटे-छोटे पत्थर बन सकते हैं।

आमतौर पर ज्यादातर लोगों में पथरी बनती है और पेशाब के जरिए आसानी से शरीर से बाहर निकल जाती है। लेकिन अगर पथरी बड़ी है तो यह मूत्र के मार्ग को अवरुद्ध कर सकती है। इसके कारण पेशाब में खून भी आ सकता है। मधुमेह के रोगियों में गुर्दे की पथरी होने की संभावना अधिक होती है।

पित्ताशय की थैली

पित्त का मुख्य कार्य शरीर में वसा को पचाना है। जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बहुत अधिक टूटने लगती हैं, तो बिलीरुबिन नामक पदार्थ का उत्पादन होता है। जब रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तो पित्त पथरी बन जाती है। यदि पित्ताशय की पथरी का समय पर इलाज नहीं किया गया तो इसे हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

मूत्राशय की पथरी (Stone)

जब मूत्राशय में पेशाब लंबे समय तक रुका रहता है तो कैल्शियम, ऑक्सालेट, आयरन और फॉस्फोरस जैसे खनिज भी रुक जाते हैं। इससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। मूत्र पथ में कोई रुकावट भी मूत्राशय में पथरी बनने का कारण बन सकती है। मूत्र मूत्राशय में संक्रमण अक्सर मूत्राशय की पथरी का मुख्य कारण होता है। मेडिकल भाषा में इसे ‘सिस्टाइटिस’ कहा जाता है। आमतौर पर मूत्राशय की पथरी पुरुषों में अधिक पाई जाती है।

लार ग्रंथि की पथरी (Stone)

लार वाहिनी में रुकावट के कारण लार ग्रंथि में पथरी बन सकती है। यह मुंह में लार के प्रवाह को रोकता है। लार ग्रंथि में पथरी के कारण सूजन। ऐसी स्थिति में खाना खाते समय कान और जबड़े में तेज दर्द होता है। इससे लार ग्रंथियों और गले में संक्रमण हो जाता है। इससे मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

सवाल: किडनी में पथरी बार-बार क्यों होती है? रोकथाम के उपाय क्या हैं?

उत्तर- गुर्दे की पथरी अक्सर कई कारणों से बनती है। जैसे -जिन लोगों के परिवार में गुर्दे की पथरी का इतिहास है, उनमें पथरी विकसित होने की संभावना अधिक होती है। पथरी के बार-बार होने का प्रमुख कारण अनुचित खान-पान और जीवनशैली भी है।
यहां तक ​​कि कम मात्रा में पानी पीने से भी पथरी (Stone) का खतरा बढ़ सकता है।

पथरी का कौनसा टेस्ट होता है ? (Stone test )

जिन लोगों में बार-बार पथरी (Stone) बनती है उन्हें ‘मेटाबॉलिक इवोल्यूशन’ टेस्ट कराना चाहिए। इसमें 24 घंटे के दो अलग-अलग अंतराल पर मूत्र का नमूना लिया जाता है। इसमें आयोडीन, ऑक्सालेट, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे 6 घटकों का परीक्षण किया जाता है। इससे आपको पता चल जाएगा कि शरीर में असल खराबी क्या है। उसके बाद भोजन निर्धारित किया जाता है।

प्रश्न – पथरी होने पर क्या क्या परहेज करना चाहिए?

उत्तर : कैल्शियम का सेवन कम करने में बहुत सावधानी बरतें। एक ही बार में बड़ी मात्रा में कैल्शियम कम न करें और धीरे-धीरे कम करें। ऐसा इसलिए क्योंकि कैल्शियम की मात्रा कम होने के साथ-साथ हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं।

प्रश्न – पथरी में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?

उत्तर : ऑक्सालेट चाय, चॉकलेट, नट्स या सोडा पेय में पाए जाते हैं। इन्हें कम करने से पथरी बनने की प्रक्रिया कम हो जाती है। खट्टे फल खाने से भी पथरी (Stone) बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके लिए आप नींबू, संतरा, मौसमी खा सकते हैं.

बार-बार पथरी बनने का एक कारण अत्यधिक नमक का सेवन भी है। क्योंकि नमक में मौजूद सोडियम मूत्र में कैल्शियम को बढ़ाता है। इसलिए भोजन में नमक की मात्रा 5 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए

 प्रश्न – पथरी में क्या पीना चाहिए?

उत्तर: निर्जलीकरण के कारण भी बार-बार पथरी बन सकती है। इसलिए हर दिन कम से कम 12 गिलास यानी 3 लीटर पानी पिएं। जितना हो सके धूप में बैठें। क्योंकि कैल्शियम अवशोषण के लिए विटामिन डी भी महत्वपूर्ण है।

प्रश्न- किस भोजन से गुर्दे की पथरी होती है?

उत्तर: कुपोषण, शरीर में पानी की कमी, चॉकलेट और ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन बच्चों में पथरी का कारण बन सकता है। यह अनुवांशिक भी हो सकता है।

विशेषज्ञ- डॉ. विकास सिंह- सलाहकार, यूरोलॉजी, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, इंदौर

डॉ. अनु अग्रवाल- एवं आहार विज्ञान, नई दिल्लीपोषण 

खबर क्रेडिट दैनिक भास्कर 

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